Tuesday 12 April 2016

अमेरिका भी मान गया भारत है विश्वगुरु, UFO से बना हिन्दू श्री यन्त्र

अमेरिका भी मान गया भारत है विश्वगुरु, UFO से बना हिन्दू श्री यन्त्र


अगस्त 1990 को एक पायलट अपने ट्रेंनिंग राइड पर था, सहसा उसने ओरगॉन शहर की एक सूखी हुई झील की रेत पर एक दिव्य चित्र सा देखा जो की 1/4मील वर्ग के आकार और जमीं में लगभग 3 इंच गहरे धंसी हुई थी। सेना में लेफ्टिनेंट पद पर काम करने वाले जिनका नाम मिलेर था ये देख कर हक्के बक्के रह गए थे , क्योंकि कुछ ही समय पहले उसने इस मार्ग से उड़ान भरी थी तब उसे ऐसी कोई आकृति नहीं दिखाई दी थी। उसी के जैसे सैकड़ो शिक्षको मेसे किसी ने भी ऐसी कोई चीज या किसी को ये बनाते हुए नहीं देखा था। ये हो नहीं सकता था की पहले भी ये बनी हो और उसे कोई न देख पाया हो क्योंकि कृति बेहद विशाल थी।
उन्होंने ये बात अपलक ही अपने ऊपरी वरिष्ठों को बताई, जिन्होंने कई दीनो तक खबर सीक्रेट रखी गई थी, 12-sep-90 को मीडिया को इसके बारे में पता चल ही गया। जैसे ही लोगों ने उस आकृति को देखा तो तत्काल ही समझ गए कि यह हिन्दू धर्म का पवित्र चिन्ह “श्री यंत्र” है, पर यंहा कैसे आया ?
दो दिन बाद समाचार पत्रों ने शहर के विख्यात वास्तु जानकारों व् आर्किटेक्टर्स से संपर्क किया तो उन्होंने भी इस आकृति पर जबरदस्त आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी बड़ी आकृति को बनाने के लिए यदि जमीन का सिर्फ सर्वे भर किया जाए तब भी कम से कम 1 लाख $ का खर्च आएगा। 
श्रीयंत्र की बेहद जटिल संरचना और उसकी कठिन डिजाइन को देखते हुए जब इसे सादे कागज़ पर बनाना ही मुश्किल होता है तो सूखी झील में आधे मील की लम्बाई-चौड़ाई में जमीन पर इस डिजाइन को बनाना तो बेहद ही मुश्किल और लंबा काम है, तब ये बात ही मानी गई की ये किसी यूएफओ के द्वारा बनाया गया है, पर श्री-यंत्र के बन गया। 
फिर भी वैज्ञानिकों की शंका दूर नहीं हुई तो UFO पर रिसर्च करने वाले दो वैज्ञानिक डोन न्यूमन और एलेन डेकर ने 15 सितम्बर को इस आकृति वाले स्थान का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इस आकृति के आसपास उन्हें किसी मशीन अथवा टायरों के निशान आदि दिखाई नहीं दिए, बल्कि उनकी खुद की बड़ी स्टेशन वैगन के पहियों के निशान उन चट्टानों और रेत पर तुरंत आ गए थे।
shri yantra printed on american dry lake, om make it on tonoscope
कई नास्तिकतावादी इस कहानी को झूठा और श्रीयंत्र की आकृति को मानव द्वारा बनाया हुआ सिद्ध करने की कोशिश करने वहाँ जुटे. इतना ही नहीं जब टोनो स्कोप के जरिये ओम शब्द बोला जाता है तो उससे बनाने वाली आकृति भी श्री यन्त्र ही होती है. 
तब से ही अमेरिका ने भारत के विश्व गुरु होने के दावे को माना है और हर भारतीय आस्था को जगह दी है.